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Galat Fehmi Lyrics Meaning in Hindi (हिंदी) – Superstar

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 Galat Fehmi Lyrics Meaning in Hindi (हिंदी) – Superstar - Asim Azhar ft. Zenab Fatimah Sultan from album “Superstar” is latest hindi song with music given by Saad Sultan. Ghalat Fehmi song Lyrics are written by Shakeel Sohail and video is released by Asim Azhar.

Ghalat Fehmi Lyrics in English | With Translation | – Superstar


SONG DETAILS :

Song: Ghalat Fehmi
Album: Superstar
Singer(s): Asim Azhar, Zenab Fatimah Sultan
Musician(s): Saad Sultan
Lyricist(s): Shakeel Sohail
Label(©): Asim Azhar

Galat Fehmi Lyrics Meaning in Hindi (हिंदी) – Superstar


जाये कहाँ है वफ़ा यहाँ राहेगान 
साहिबान जो लगा था कभि
वोह फ़रेब-ए-नज़र आसमान 
अब शराफत नहीं 
ये  रिवायत नहीं बाकि
हो किसी की कदर 
ऐसी आदत नहीं बाकि

ऐसा नहीं कहीं कोई है 
ग़लत फहमी जो बनी है
खोया नहीं अपनापन
एहसास की राह चुनी है 

तरसती है निगाहें मेरी 
तकती है राहें तेरी
सुन कभी आहें मेरी 
ये कैसे मैं बाताऊ 
तुझे सोती नहीं आँखें मेरी 
कटती नहीं रातें मेरी 

के ख्वाहिशों पे खबों की 
बारिशें अज़ाबों की 
कहाँ गयी धुप 
मेरे हिस्से के सवाबों की 
की दर्द भरे नालों पे 
कर करम सवालों पे 
क्यूँ सितम है तेरा 
तेरे चाहने वालों पे 

तरसती है निगाहें मेरी 
तकती है राहें तेरी
चाहिए पनाह तेरी 
ये कैसे मैं बताऊँ 
तुझे सोती नहीं आँखें मेरी 
कटती नहीं रातें मेरी 

ढल नहीं जाते 
पल नहीं जाते 
डूबती है सांसें 
दिल ऐसे भर जाते
जाते हुए लम्हों को 
पास बुलाता है 
थोड़ी सी भी दूरी दिल 
सह नहीं पाता है 

सब है दिखावे 
झूठे बहलावे 
एक ही कदम लाए 
सौ सौ पछतावे 

( बेखबर था ज़रा 
पर ना था बेवफा यारा )

सच था या ग़लत फ़हमी
पर ख़ाब नहीं जुड़ पाते 
दुःख देते, जान लेते हैं 
तरस ज़रा नहीं खाते 

सच था या ग़लत फहमी
पर ख़ाब नहीं जुड़ पाते 
दुःख देते, जान लेते हैं 
तरस ज़रा नहीं खाते 

तरसती है निगाहें मेरी 
तकती है राहें तेरी
सुन कभी आहें मेरी 
ये कैसे मैं बाताऊ 
तुझे सोती नहीं आँखें मेरी 
कटती नहीं रातें मेरी 

के ख्वाहिशों पे खबों की 
बारिशें अज़ाबों की 
कहाँ गयी धुप 
मेरे हिस्से के सवाबों की 
की दर्द भरे नालों पे 
कर करम सवालों पे 
क्यूँ सितम है तेरा 
तेरे चाहने वालों पे 

ऐसा नहीं कहीं कोई है 
ग़लत फहमी जो बनी है
खोया नहीं अपनापन
एहसास की राह चुनी है 

ऐसा नहीं कहीं कोई है 
ग़लत फहमी जो बनी है
खोया नहीं अपनापन
एहसास की राह चुनी है 

ऐसा नहीं कहीं कोई है 
ग़लत फहमी जो बनी है
खोया नहीं अपनापन
एहसास की राह चुनी है 

ऐसा नहीं कहीं कोई है 
ग़लत फहमी जो बनी है




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